skip to main |
skip to sidebar
दिवाली की आस है पिवजी मनडो म्हारो हताश है क्यु गया पिवजी परदेश अठै गोरी थारी उदास है rajasthani shayri,marwadi shayri,hindi shayri
दिवाली की आस है पिवजी मनडो म्हारो हताश हैक्यु गया पिवजी परदेश अठै गोरी थारी उदास हैआवोगा थ्हे दिवाली न पिवजी औ म्हाने विश्वास हैउडिकै गोरी थ्हाने जब तक म्हारा सांस है....
0 comments:
Post a Comment