Thursday, June 5, 2014

तारा छाई रात बिखर रही चंदा थारी चांदनी आवै थारी याद पिवजी रोवै थारे मनडे की मोरनी,rajasthani shayri,marwadi shayri,hindi shayri

तारा छाई रात बिखर रही चंदा थारी चांदनी
आवै थारी याद पिवजी रोवै थारे मनडे की मोरनी
अबके ले जाइये साथ पिवजी बात म्हारी मानणी
छुप छुप रोऊ पिवजी कद आसी रात सुख पावणी......

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