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मुखडो थारो चमके ज्याणु आभा म चमके चंदा की चांदनी नजर ना हटे थारे मुखडे से गौरी सुरत थारी मनमोवणी rajasthani shayri,marwadi shayri,hindi shayri
मुखडो थारो चमके ज्याणु आभा म चमके चंदा की चांदनी
नजर ना हटे थारे मुखडे से गौरी सुरत थारी मनमोवणी
हिवडे से लगा राखस्यु थाने बनास्यु म्हारे हिवडे की राणी
एक बार हाँ कर दे बावली नाम थारे कर देस्यु मेरी जिन्दगाणी..........
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