Wednesday, June 18, 2014

rajasthani shayari,hindi shayariझीर मीर झीर मीर मेहो बरसे साजन से मिलणे गोरी तरसे हूक सी ऊठे कालजै मे नैणा नीर बरसे सुण ल्यो पिवजी मनडे री बात गोरी रा नैण थ्हाने देखण तरसे.........


झीर मीर झीर मीर मेहो बरसे
साजन से मिलणे गोरी तरसे
हूक सी ऊठे कालजै मे नैणा नीर बरसे
सुण ल्यो पिवजी मनडे री बात
गोरी रा नैण थ्हाने देखण तरसे.........

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