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उडिके बैठी सेजा गोरडी कर सोलह सिन्गार ढल गई आधी रात कद आस्यौ थ्है भरतार,rajasthani shayri,marwadi shayri,hindi shayri
उडिके बैठी सेजा गोरडी कर सोलह सिन्गारढल गई आधी रात कद आस्यौ थ्है भरतारमत तडपाओ पिवजी बिलख रही थारी घरनार....
Koi single girl ke liye shayri
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