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तारा छाई रात बिखर रही चंदा थारी चांदनीआवै थारी याद पिवजी रोवै थारे मनडे की मोरनीअबके ले जाइये साथ पिवजी बात म्हारी मानणीछुप छुप रोऊ पिवजी कद आसी रात सुख पावणी......
दिल री बात मुझको बताकर तो देख ल्यौ,
जज़्बातो को होठों पर लाकर तो देख ल्यौ;
एक पल माय म्हारो दिल हो जावेगौ आपरो,
सिर्फ एक बार अपणा प्यार जता कर देख ल्यौ..!!
मेहंदी रची जोरकी पिवजी पण थ्हारे बिन किसको दिखाऊहिवड़ो है उदास थ्हारे बिन पण कब तक इसको समझाऊदिन तो गुजर जावै है काम काज म पण रात कैसे बिताऊकदै तो समझो पिवजी बात म्हारे मन की कद तक थ्हाने समझाऊ
आई याद आपकी तो आँखिया मेरी बरस गई..एक झलक देखने को मेरी नजरे तरस गईकिया था जो सिंगार आपको रिझाने के लिये
वो आपकी यादो की बरसात बहा ले गई
कब तक तड़पाओगे मेरे हमसफर
आपकी यादो मे मै पत्थर बन गई.....
दिवाली की आस है पिवजी मनडो म्हारो हताश हैक्यु गया पिवजी परदेश अठै गोरी थारी उदास हैआवोगा थ्हे दिवाली न पिवजी औ म्हाने विश्वास हैउडिकै गोरी थ्हाने जब तक म्हारा सांस है....
याद करते है आपको तन्हाई मे
दिल डुबा है आपकी यादो की गहराई मे
मुझे मत ढुंढो दुनिया की भीड मे
हम तो मिंलेगे आपको तुम्हारी ही परछाई मे
yad karte hai apko tanhai me
dil duba hai apki yado ki gahrai me
muje mat dhundho duniya ki bhid me
ham milenge apko tumhari hi parchayi me......
मुखडो थारो चमके ज्याणु आभा म चमके चंदा की चांदनी
नजर ना हटे थारे मुखडे से गौरी सुरत थारी मनमोवणी
हिवडे से लगा राखस्यु थाने बनास्यु म्हारे हिवडे की राणी
एक बार हाँ कर दे बावली नाम थारे कर देस्यु मेरी जिन्दगाणी..........