तुमको तो भूल जायेंगे मगर तुम्हारी यादें कैसे भूल आएंगे ,
जब भी होगी पहली बारिश तुमको सामने पाएंगे ,
वोह बूंदों से भरा चेहरा तुम्हारा हम कई से देख पाएंगे ,
बहेगी जब भी सर्द हवाएं हम खुद को तनहा पाएंगे,
एहसास तुम्हारे साथ का हम का इसे महसूस कर पाएंगे,
इस दौड़ती हुई ज़िन्दगी में तो हम बिलकुल ही रुक ही
थाम लो हमे थमने से पहले हम कैसे यूँ जी पाएंगे,
ले डूबेगा ये दर्द हमे और हम जीते जी मर जायेंगे
क्या इश्क की हस्ती है, क्यूँ आँखें बरसती है ...
ये शाम भी तुमसे ही, मिलने को तरसती है...
अब टूट चुके मेरे, अरमां वो मोहब्बत के,॥
उम्मीद न महफ़िल से, तन्हाई भी डसती है ,...
टकरा के निकल जाते, हम दर्द की राहों से ...
पर बीच मे आती क्यूँ, यादों की वो बस्ती है ...
वो बात ही करते है, बस चाँद सितारों की॥
इस इश्क के सौदे मे, ये जान भी सस्ती है,॥
हासिल थे 'सिफ़र' हमको, अपनों से मिले रिश्ते,...
साहिल पे जो अब डूबी, वो प्यार की कश्ती है ...
वादे तो किये थे हम, अब साथ सदा होंगे॥
किस्मत भी कहानी है, हर मोड़ पे फंसती है...
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