Thursday, September 1, 2016

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो आप बैठा हो परदेश में पिवजी थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो 
आप बैठा हो परदेश में पिवजी
थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो
क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी
थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो






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नजरो से नजर मिलाकर कर तो देखो दिल में छुपा प्यार नजर आएगा क्यों रहती हो गुस्से में कभी प्यार से तो देखो फिर रात को सपने में भी यार नजर आएगा

नजरो से नजर मिलाकर कर तो देखो
दिल में छुपा प्यार नजर आएगा
क्यों रहती हो गुस्से में कभी प्यार से तो देखो
फिर रात को सपने में भी यार नजर आएगा 


Wednesday, April 20, 2016

नन्हें से दिल में अरमान कोई रखना , दुनियाँ की भीड़ में पहचान कोई रखना , अच्छे नहीं लगते जब रहते हो उदास , इन होठों पे सदा मुस्कान वही रखना .

नन्हें से दिल में अरमान कोई रखना ,
दुनियाँ की भीड़ में पहचान कोई रखना ,
अच्छे नहीं लगते जब रहते हो उदास ,
इन होठों पे सदा मुस्कान वही रखना .


सजधज चाल्यी गौरड़ी , जद नैणा मुलकाय ! गरियाळा की मौरणी , रुणझुण करती जाय ! कजरारा नैणा सूँ या , चोखा हुकुम चलाय ! सगळा रो दिल जोर सूँ , अब तो धड़क्यो जाय ! मनड़ै की या बादळी , प्रीत उफणती जाय ! बादलियै रा मनड़ा नै , अब चोखो धड़काय ! नैण बस्यी या कामणी , मनड़ा नै भरमाय ! एक इसारो देकर वा , जोबन नै तरसाय ! खनखन करती चूड़ियाँ , या खन खन खनकाय ! बादलियै रा मनड़ै मेँ प्रीत उफाणै आय !

सजधज चाल्यी गौरड़ी ,
जद नैणा मुलकाय !
गरियाळा की मौरणी ,
रुणझुण करती जाय !
कजरारा नैणा सूँ या ,
चोखा हुकुम चलाय !
सगळा रो दिल जोर सूँ ,
अब तो धड़क्यो जाय !
मनड़ै की या बादळी ,
प्रीत उफणती जाय !
बादलियै रा मनड़ा नै ,
अब चोखो धड़काय !
नैण बस्यी या कामणी ,
मनड़ा नै भरमाय !
एक इसारो देकर वा ,
जोबन नै तरसाय !
खनखन करती चूड़ियाँ ,
या खन खन खनकाय !
बादलियै रा मनड़ै मेँ
प्रीत उफाणै आय !