Monday, November 16, 2015

राजस्थानी शायरी rajasthani sad shayari marwadi shayari rajasthani hot shayari अधराती करू पुकार पिवजी कद तो सुण ले मेरली ठंडी रात चांदनी छत पर बैठी हूँ पिया एकेली पिवजी बैठा परदेसा मे घर बिलखु एकेली क्यू होग्यो पथर दिल के करडी मन म सोचली

अधराती करू पुकार पिवजी कद तो सुण ले मेरली
ठंडी रात चांदनी छत पर बैठी हूँ पिया एकेली
पिवजी बैठा परदेसा मे घर बिलखु एकेली
क्यू होग्यो पथर दिल के करडी मन म सोचली


Sunday, August 23, 2015

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सावणियो सुरंगों बीत गयो फीको रह गया पिवजी तीज रो त्यौहार
झिरमीर झिरमिर मेंहो बरसे पिवजी चाले ठंडी पवन बहार
हूक सी उठे कालजीए जीवडो तड़फे पिवजी नैणां बरसे नीर
कदे तो सोच ले बैरी बालमा घर उडीके थारी घर नार