Thursday, September 1, 2016

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो आप बैठा हो परदेश में पिवजी थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो 
आप बैठा हो परदेश में पिवजी
थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो
क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी
थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो






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नजरो से नजर मिलाकर कर तो देखो दिल में छुपा प्यार नजर आएगा क्यों रहती हो गुस्से में कभी प्यार से तो देखो फिर रात को सपने में भी यार नजर आएगा

नजरो से नजर मिलाकर कर तो देखो
दिल में छुपा प्यार नजर आएगा
क्यों रहती हो गुस्से में कभी प्यार से तो देखो
फिर रात को सपने में भी यार नजर आएगा