Saturday, June 21, 2025

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो आप बैठा हो परदेश में पिवजी थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो आप बैठा हो परदेश में पिवजी थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो

Saturday, April 27, 2024

Rajasthani shayari

मेरी आँखों में मोहब्बत की चमक आज भी है करता हूँ प्यार बहुत में उनसे पर उन्हें शक आज भी है मेरी जिन्दगी में आने का वादा किया था उसने नहीं आये वो पर मेरी जिन्दगी को उनका इंतजार आज भी है पहन कर वो पायल चलती थी वो इस कदर उनकी पायल की वो छनक मेरे कानो में आज भी है कुछ सपने कुछ आरजू थी मेरी माँ की आँखों में उन पथराई हुई आँखों को में उम्मीद की एक किरण आज भी है दिल तो मेरा बहुत करता है रोने को पर डरता हूँ कहीं आंसुओ में ना धुल जाये उनकी वो तस्वीर जो मेरी आँखों में आज भी है वो चली गई मुझे कुछ शिकवा तो उनसे आज भी है कुछ भी कहो यारो मेरे दिल में आज भी उसका ही राज है sanjay kumar meel

Thursday, September 1, 2016

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो आप बैठा हो परदेश में पिवजी थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो

सावण बरस्यो भादूड़ों बरस्तो जाय रह्यो 
आप बैठा हो परदेश में पिवजी
थारी याद में म्हारो जीवडो तड़फ रह्यो
क्यूँ बैठा हो दूर परदेश में पिवजी
थास्यु मिलण न मनड़ो तरस रह्यो






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